Kanya Pujan Shubh Muhurat 2024: अष्टमी-नवमी के दिन यह समय है सबसे शुभ,अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर से शुरू होकर 11 अक्टूबर की सुबह समाप्त होगी। ऐसे में अष्टमी की उदया तिथि 11 हो गई। वहीं नवमी 11 अक्टूबर की सुबह से शुरू होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। ऐसे में शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ने से कन्या पूजन के मुहूर्त को लेकर कई लोगों में असमंजस की स्थिति है। हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी 10 और 11 अक्टूबर दोनों दिन बन रही है और नवमी तिथि 11 और 12 को पड़ रही है।
अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर से शुरू होकर 11 अक्टूबर की सुबह समाप्त होगी। ऐसे में अष्टमी की उदया तिथि 11 हो गई। वहीं, नवमी 11 अक्टूबर की दोपहर से शुरू होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। ऐसे में नवमी की उदया तिथि 12 अक्टूबर है।
हिंदू धर्म में उदया तिथि के अनुसार ही त्यौहार मनाया जाता है। ऐसे में आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है और साथ ही यह भी जानते हैं कि अष्टमी-नवमी का व्रत कब तोड़ना उचित रहेगा।
Kanya Pujan Shubh Muhurat 2024: अष्टमी-नवमी के दिन यह समय है सबसे शुभ
जो लोग अष्टमी का व्रत रख रहे हैं, उन्हें व्रत 10 अक्टूबर से शुरू करना होगा, लेकिन कन्या पूजन 11 अक्टूबर को करना होगा, क्योंकि अष्टमी की उदया तिथि 11 अक्टूबर है। 11 अक्टूबर को अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का मुहूर्त सुबह 4:39 बजे से 5:30 बजे तक है।
वहीं, 11 अक्टूबर को सुबह 6:52 बजे के बाद नवमी शुरू हो जाएगी। ऐसे में 11 तारीख को नवमी का व्रत रखें और 11:44 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक कन्या पूजन करें क्योंकि इस समय अभिजीत मुहूर्त भी पड़ रहा है जो बहुत लाभकारी साबित होगा।
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अगर किसी कारणवश अष्टमी का कन्या पूजन मुहूर्त में करना संभव न हो तो आप अष्टमी का कन्या पूजन नवमी के कन्या पूजन के समय कर सकते हैं। हां, लेकिन आपको 11 अक्टूबर को दोपहर 12:31 बजे के बाद व्रत फिर से तोड़ना होगा, तभी व्रत पूरा माना जाएगा।
आप इस खबर में दिए गए आंकड़ों के जरिए यह भी जान सकते हैं कि शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है।