क्या पता है आपको यह बात आखिर क्यों बनी द्रौपदी 5 पतियों की पत्नी?,द्रौपदी को पांचाली के नाम से भी जाना जाता है। पांचाली का मतलब होता है पांच पतियों की पत्नी। ज्यादातर लोग जानते हैं कि जब अर्जुन द्रौपदी को लेकर स्वयंवर के बाद कुंती के पास पहुंचे तो कुंती ने कहा कि जो भी लाओ, उसे पांचों भाइयों में बांट लो और मां के कहने पर द्रौपदी को पांचों पांडवों से विवाह करना पड़ा, लेकिन असल में द्रौपदी सभी की पत्नी बनीं। पांचों पांडव भगवान शिव के साथ की गई एक चाल का नतीजा थे। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इसके बारे में बताया। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
क्यों द्रौपदी को बनना पड़ा पांच पतियों की पत्नी?
क्यों द्रौपदी बनीं पांच पतियों की पत्नी?
जब द्रौपदी यज्ञ से निकलीं तो उन्होंने भगवान शिव की तपस्या करनी शुरू कर दी। द्रौपदी मनचाहा वर पाने की इच्छा से प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करती थीं और कठोर तपस्या से उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करती थीं।
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एक दिन उनकी पूजा और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने प्रकट हुए और उनसे वरदान मांगने को कहा। तब द्रौपदी ने भगवान शिव से सर्वगुण संपन्न वर पाने की इच्छा जताई। द्रौपदी दोष रहित पति चाहती थी। भगवान शिव ने द्रौपदी को समझाने की कोशिश की कि मनुष्य लोक में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति में कोई न कोई कमी होती है, ऐसे में उसे सर्वगुण संपन्न वर मिलना संभव नहीं है। तब द्रौपदी ने गलती से भगवान शिव को धोखा दे दिया। द्रौपदी कैसे बनी पति? द्रौपदी ने भगवान शिव से कहा कि वह उनके लिए एक भजन गाना चाहती है।
यह वास्तव में कोई भजन नहीं था, बल्कि दो पंक्तियों में वर्णन था कि वह कैसा पति चाहती है। भजन सुनकर भगवान शिव द्रौपदी की चाल समझ गए लेकिन फिर भी उन्होंने उसे वरदान दे दिया। उसके बाद द्रौपदी ने पहले अर्जुन से विवाह किया और फिर माता कुंती की गलती के कारण पांचों पांडवों की पत्नी बन गई। जब द्रौपदी ने पांचों पांडवों से विवाह कर लिया, तब श्रीकृष्ण ने उसे उसके छल की याद दिलाई।